यहां आज भी मौजूद है परशुराम का फरसा


आपको बता दें कि परशुराम यमदग्नि और रेणुका की संतान थे, इतिहास के पन्ने पलटें तो पता चला कि एक बार उनके पिता ने मां का सिर काट देने की आज्ञा दी। पिता की आज्ञा को मानते हुये उन्होंने पलक झपकते ही मां रेणुका का सिर धड़ से अलग कर दिया। इसके बाद ऋषि यमदग्नि ने परशुराम से कहा कि वरदान मांगों इस पर उन्होंने कहा कि यदि वरदान ही देना है तो मेरी मां को पुन: जीवित कर दीजिए, इस पर पिता यमदग्नि ने रेणुका को दोबारा जीवित कर दिया।

जीवित होने के बाद रेणुका ने कहा कि परशुराम तुमने मां के दूध का कर्ज अदा कर दिया, इस प्रकार पूरे विश्व में परशुराम ही ऐसे व्यक्ति हैं जो मां और बाप दोनों के ऋण से मुक्त हुए थे, जौनपुर के जमैथा में अभी भी उनकी मां रेणुका का मंदिर है जहां लोग पूजा अर्चना करते हैं।

यहां आज भी मौजूद है परशुराम का फरसा,
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https://youtu.be/8QLrilyToxY

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